रन फॉर केटीएस 4.0: बीएचयू के युवाओं ने फिटनेस और सांस्कृतिक एकता के संगम से दिया राष्ट्रीय संदेश

Mon 01-Dec-2025,11:17 AM IST +05:30

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रन फॉर केटीएस 4.0: बीएचयू के युवाओं ने फिटनेस और सांस्कृतिक एकता के संगम से दिया राष्ट्रीय संदेश
  • काशी–तमिल संगमम् 4.0 के अंतर्गत आयोजित रन फॉर केटीएस 4.0 में सैकड़ों विद्यार्थियों की भागीदारी ने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विरासत को मजबूत संदेश दिया।

  • बीएचयू कुलपति, आयोजकों और खेल विभाग के समन्वय से आयोजित मैराथन में छात्रों के साथ सामुदायिक भागीदारी ने विश्वविद्यालय की खेल संस्कृति को नई ऊंचाई दी।

Uttar Pradesh / Varanasi :

Kashi/ काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में शनिवार की सुबह ऊर्जा और उत्साह से सराबोर दिखी, जब काशी–तमिल संगमम् 4.0 के अंतर्गत आयोजित ‘रन फॉर केटीएस 4.0’ में सैकड़ों युवाओं ने भाग लेकर एकता और खेल भावना का शानदार प्रदर्शन किया। सुबह 7:30 बजे मालवीय भवन से शुरू होकर रविदास गेट तक पहुंचने वाली इस मैराथन ने बीएचयू कैंपस को जोश और उल्लास से भर दिया। दौड़ के दौरान प्रतिभागियों की उत्सुकता और अनुशासन ने यह संदेश दिया कि युवाओं में न केवल फिटनेस के प्रति जागरूकता है बल्कि राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विरासत के प्रति गहरा सम्मान भी है।

कार्यक्रम की शुरुआत बीएचयू के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी द्वारा हरी झंडी दिखाकर की गई। उन्होंने प्रतिभागियों का उत्साह देखकर कहा कि विश्वविद्यालय में हर राज्य के विद्यार्थी रहते हैं और काशी–तमिल संगमम् 4.0 जैसे आयोजन यहां की विविधता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और मजबूत बनाते हैं। कुलपति ने कहा कि यह मंच काशी और तमिलनाडु की साझा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और संगीत परंपरा को जोड़ते हुए एक ऐसे संगम का निर्माण कर रहा है जो नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनेगा।

कार्यक्रम के मुख्य संयोजक, फिजिकल एजुकेशन विभाग के प्रो. भुवन चंद्र कपरी ने बताया कि इस दौड़ का उद्देश्य केवल खेल को बढ़ावा देना नहीं बल्कि युवाओं को सांस्कृतिक वैभव से जोड़ना है। उनके अनुसार, जब युवा अपनी विरासत और राष्ट्र की विविधता को समझते हैं तो उनमें सृजनात्मक ऊर्जा और सकारात्मक सोच का विकास होता है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समन्वय के लिए एक प्रभावी प्रयास बताया।

सह-संयोजक डॉ. राजीव कुमार सिंह ने जानकारी दी कि इस बार मैराथन में बीएचयू के अलावा आसपास के कॉलेजों और समुदाय से भी भारी भागीदारी देखने को मिली। प्रतिभागियों की तैयारी, अनुशासन और समर्पण ने विश्वविद्यालय की खेल संस्कृति को और अधिक उजागर किया। दौड़ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और मार्ग प्रबंधन को भी सुचारू रूप से लागू किया गया।

पूरे कार्यक्रम की निगरानी और समन्वय नोडल ऑफिसर प्रो. अंचल श्रीवास्तव ने संभाला। उन्होंने कहा कि काशी–तमिल संगमम् बीएचयू द्वारा उत्तर और दक्षिण भारत की प्राचीन सांस्कृतिक एकता के पुनर्जीवन का एक प्रमुख मंच है, और ‘रन फॉर केटीएस 4.0’ इस श्रृंखला की एक महत्वपूर्ण कड़ी है जिसने युवाओं को एक विशाल सांस्कृतिक उद्देश्य से जोड़ा।

दौड़ शुरू होने से पहले प्रतिभागियों को कार्यक्रम के उद्देश्यों, सुरक्षा निर्देशों और रूट प्लान की विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम के सफल समापन ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि काशी और तमिलनाडु के बीच सांस्कृतिक संबंध आज भी उतने ही प्रगाढ़ हैं जितने प्राचीन काल में थे। इस आयोजन ने युवाओं में एकता, परंपरा और फिटनेस का समन्वित संदेश स्थापित किया, जो आने वाले संस्करणों के लिए प्रेरक ऊर्जा का काम करेगा।